डेली पेरेंटिंग कीजिये
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कभी ऐसी परिस्थितियाँ भी आ जाती
हैं जब फाइनल एक्ज़ाम में बच्चे के कम नम्बर आते हैं तब पेरेंट्स इसका दोष सीधा
अध्यापक पर या स्कूल पर मढ़ना शुरू हो जाते हैं । अपनी हैरानी और परेशानी जताते हुए
वो कहते हैं कि हमारा बच्चे ने तो सालभर खूब मेहनत की है , वो तो पढ़ता रहता था ।
यदि पेरेंट्स अपने रोज़मर्रा के
समय से थोड़ा सा वक्त बच्चे के होमवर्क को देखने में लगाएं , PTM नियमित रूप से अटेंड करें , उसकी किताबों कॉपी पर नज़र रखें , तो कभी भी ऐसी हैरान परेशानी वाली परिस्थिति का सामना न करना पड़े ।
हमारे इंस्टिट्यूट में भी कइयों
के साथ ऐसा होता है , हमारे यहाँ से पेरेंट्स को बुलाया जाता है , पर कइयों के पास आने का
समय ही नहीं होता , या रुचि नहीं दिखाते , फिर यही पेरेंट्स साल के अंत
में कम नम्बर आने पर दोषारोपण करना शुरू हो जाते हैं ।
सही तरीका यही है कि आप डेली
पेरेंटिंग कीजिये , रोज़ स्कूल डायरी देखिये , रोज़ के कक्षा कार्य , ग्रह कार्य पर नज़र रखिये , PTM नियमित रूप से अटेंड करें और
साल भर चलने वाले क्लास टेस्ट का आंकलन करते रहें , तभी साल के अंत में होने
वाली परेशानी कभी न होगी ।